पंजाब सरकार का बड़ा फैसला: पंजाबी यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ रुपये की सौगात, शिक्षा में नहीं आएगी बाधा- CM मान

पंजाब सरकार का बड़ा फैसला: पंजाबी यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ रुपये की सौगात, शिक्षा में नहीं आएगी बाधा- CM मान

Punjab Govt Grants ₹30 Crore to Punjabi University

Punjab Govt Grants ₹30 Crore to Punjabi University

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ज़रीआ फाउंडेशन की 10वीं वर्षगांठ पर किया ऐलान, छात्रों के भविष्य को संवारने का संकल्प

चंडीगढ़, 7 दिसंबर 2025 : Punjab Govt Grants ₹30 Crore to Punjabi University: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को 30 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की घोषणा की है। यह ऐलान उन्होंने ज़रीआ फाउंडेशन की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर पंजाबी यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह राशि इसलिए दी जा रही है ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार का व्यवधान न आए और संस्थान अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को निर्बाध रूप से जारी रख सके। यह घोषणा पंजाब सरकार की उच्च शिक्षा के प्रति गंभीरता और छात्रों के भविष्य को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाती है। पंजाबी भाषा और संस्कृति के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाली इस यूनिवर्सिटी को मिली यह आर्थिक सहायता न केवल संस्थान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी बल्कि हजारों छात्रों के शैक्षणिक सपनों को भी पंख देगी।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और किसी भी हालत में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है बल्कि पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति का गढ़ है जिसकी मजबूती प्रदेश की पहचान से जुड़ी है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार ने इस बात को समझा है कि शिक्षा में निवेश ही सबसे बड़ा निवेश है और यही कारण है कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद शिक्षा बजट में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और पंजाब को देश-विदेश में गौरवान्वित करे।

Punjab Govt Grants ₹30 Crore to Punjabi University

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला उत्तर भारत की उन गिनी-चुनी यूनिवर्सिटीज में से एक है जो क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति को समर्पित है। इस संस्थान में हजारों छात्र पंजाबी साहित्य, भाषा विज्ञान, इतिहास, कला और विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय संकट के कारण यूनिवर्सिटी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था जिससे शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं। 30 करोड़ रुपये की यह राशि इन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस राशि से न केवल वेतन और प्रशासनिक खर्चों को पूरा किया जा सकेगा बल्कि पुस्तकालय, प्रयोगशाला और डिजिटल संसाधनों के विकास में भी निवेश संभव होगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया है कि इस राशि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता के साथ छात्रों के हित में किया जाएगा।

पंजाब सरकार ने सत्ता में आने के बाद से शिक्षा क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए है। सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता, मुफ्त किताबें और यूनिफॉर्म योजना तथा उच्च शिक्षा संस्थानों को वित्तीय सहायता इसके प्रमुख उदाहरण है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई बार स्पष्ट किया है कि शिक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है क्योंकि शिक्षित युवा ही प्रदेश के विकास की असली ताकत है। इस नीति के तहत न केवल पंजाबी यूनिवर्सिटी बल्कि प्रदेश के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को भी समय-समय पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इससे उच्च शिक्षा में पंजाब की स्थिति मजबूत हो रही है और अधिक से अधिक छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर पा रहे है।

ज़रीआ फाउंडेशन की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक और समाजसेवी उपस्थित थे। ज़रीआ फाउंडेशन एक गैर-सरकारी संगठन है जो सामाजिक कार्यों, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्यरत है। पिछले दशक में इस संस्था ने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए हैं। मुख्यमंत्री ने फाउंडेशन के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि समाज के हर वर्ग तक विकास की धारा पहुंच सके। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और युवाओं को समाज को वापस देने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

पंजाबी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह राशि उनके लिए राहत की सांस लेकर आई है क्योंकि पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट के कारण कई शैक्षणिक कार्यक्रम और सुविधाएं बाधित हो रही थीं। पंजाबी साहित्य की छात्रा सिमरनजीत कौर ने कहा कि सरकार का यह कदम सिद्ध करता है कि पंजाब सरकार छात्रों की चिंताओं को गंभीरता से लेती है। कंप्यूटर साइंस के छात्र अमरजीत सिंह ने कहा कि अब वे बिना किसी चिंता के अपने करियर पर फोकस कर सकेंगे। शिक्षकों ने भी इस निर्णय की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यह राशि यूनिवर्सिटी के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार का यह कदम दूरदर्शी और स्वागत योग्य है। पंजाब में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थानों का दबदबा बढ़ता जा रहा है और ऐसे में सरकारी यूनिवर्सिटीज को मजबूत करना बेहद जरूरी है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। शिक्षाविद डॉ. बलविंदर सिंह ने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी यूनिवर्सिटीज को नियमित रूप से वित्तीय सहायता देनी चाहिए ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित हो सकें। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस तरह की घोषणाएं युवाओं में सकारात्मक संदेश भेजती है और उन्हें पंजाब में रहकर पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह राशि एकमुश्त अनुदान के रूप में जारी की जा रही है और यूनिवर्सिटी को इसका उपयोग तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करना होगा। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस राशि का एक हिस्सा शिक्षकों और कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान के लिए उपयोग किया जाएगा जबकि शेष राशि से बुनियादी ढांचे के विकास और शैक्षणिक संसाधनों में सुधार किया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे हर तीन महीने में राशि के उपयोग की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपें। इस पारदर्शिता से यह सुनिश्चित होगा कि जनता का पैसा सही तरीके से खर्च हो और छात्रों को अधिकतम लाभ मिले। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हुआ तो भविष्य में और भी वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह घोषणा पंजाब की शिक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए बल्कि पूरे प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संदेश है। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए गंभीर है और छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं करेगी। शिक्षा में निवेश का यह निर्णय लंबे समय में पंजाब के युवाओं को सशक्त बनाएगा और प्रदेश के सर्वांगीण विकास में योगदान देगा। जैसे-जैसे यह राशि यूनिवर्सिटी तक पहुंचेगी और इसका उपयोग शुरू होगा, हजारों छात्रों के चेहरों पर मुस्कान आएगी और उनके सपने नई उड़ान भरेंगे। पंजाब सरकार का यह कदम शिक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है।